मोदी सरकार का बड़ा मिशन: पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करेगा

मोदी सरकार का बड़ा मिशन: पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करेगा 


शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी जैसे विपक्षी नेता भी शामिल

नई दिल्ली:
मोदी सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इस बार यह मिशन केवल भारतीय जनता पार्टी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सभी प्रमुख दलों के सांसदों को भी शामिल किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि एक संयुक्त बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विश्व के अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान की आतंकवाद को संरक्षण देने वाली नीतियों को बेनकाब करे।

इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता भी शामिल हैं — जो आमतौर पर मोदी सरकार के कड़े आलोचक माने जाते हैं। फिर सवाल उठता है कि ऐसे विरोधियों को इस रणनीतिक मिशन में क्यों शामिल किया गया?

सरकार के सूत्रों के अनुसार, इस मिशन की सफलता के लिए एकजुटता बेहद आवश्यक है। अगर दुनिया देखेगी कि भारत का संपूर्ण राजनीतिक वर्ग—चाहे सत्तापक्ष हो या विपक्ष—आतंकवाद के मुद्दे पर एक सुर में बोल रहा है, तो इसका वैश्विक प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा।

क्या है मिशन 'पाक को बेनकाब'?

भारत के सांसद विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों, संसदों और संस्थानों में जाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को दी जा रही शह को तथ्यों के साथ उजागर करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संसद और अमेरिका जैसे देशों में अपनी बात रखेगा।

मिशन का उद्देश्य है कि पाकिस्तान को वैश्विक दबाव में लाया जाए, ताकि वह आतंकियों को समर्थन देना बंद करे।


यह मिशन भारत की विदेश नीति का एक नया अध्याय है, जिसमें राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दी जा रही है।

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