हीटवेव की चेतावनी: कोलकाता में अगले तीन दिनों तक लू चलने की संभावना है, और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है। मौसम विभाग ने तत्काल राहत की संभावना से इनकार किया है।
बीजेपी नेता के बेटे की संदिग्ध परिस्थिति में मौत, हाल में हुई थी दिलीप घोष-रिंकू मजूमदार की शादी पश्चिम बंगाल से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता के बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पश्चिम बंगाल से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता के बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस की प्राथमिक जांच में आत्महत्या की बात सामने आ रही है। हाल ही में पूर्व सांसद दिलीप घोष और बीजेपी नेता रिंकू मजूमदार की शादी हुई थी। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद दिलीप घोष की पत्नी रिंकू मजूमदार के बेटे प्रीतम उर्फ श्रृंजय की रहस्यमयी हालत में मौत हो गई। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने अनुमान लगाया है कि प्रीतम ने आत्महत्या की है।
पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत में तुर्की, अजरबैजान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों का बायकॉट शुरू हो गया है. कई ट्रैवल कंपनियों और प्लेटफॉर्म ने इन देशों के यात्रा न करने सलाह दी है और यहां ट्रैवल बंद कर दिया है. इसके अलावा कंपनियों के यहां जाने वाले लोगों से अपनी बुकिंग कैंसल करने की सलाह दी है. कंपनियों कहा है कि अगर इन देशों की बुकिंग को कैंसिल किया जाता है तो किसी तरह का कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा खुलासा हुआ है कि तुर्की तनाव में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है. पाकिस्तान की ओर से एक दिन पहले जो ड्रोन हमला हुआ है, उसमें तुर्की के ड्रोन भी शामिल थे. अब कई ट्रैवल बुकिंग कंपनियों ने ग्राहकों को इन देशों की गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है, जबकि भारतीय यात्रियों से संवेदनशील क्षेत्रों की यात्रा की योजना बनाने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया है. कॉक्स एंड किंग्स ने कहा कि उसने अजरबैजान, उज्बेकिस्तान और तुर्की के लिए बुकिंग लेना बंद कर दिया है और यात्रियों से पुरानी बुकिंग को कैंसिल करने की गुजारिश की है. ट्रैवल पैकेज किए रद्द ...
कहानी का नाम: "गली नंबर 7 – जो अब भी ज़िंदा है" ( स्थान: श्यामबाज़ार और सोभाबाज़ार की बीच की एक पुरानी गली ) उत्तर कोलकाता की वो पुरानी गली, जिसकी दीवारें आज भी 1946 के दंगों की गवाही देती हैं। जहाँ अब वक्त भले बदल गया हो, लेकिन हर ईंट में इतिहास की स्याही बसी है। गली नंबर 7 में एक बूढ़े मिस्त्री रोज़ सुबह साइकिल लेकर निकलते हैं — वो कहते हैं, "इन्हीं गलियों में मैंने आज़ादी से पहले नारे सुने थे, और अब केवल खामोशी है।" पुराने बागान, जर्जर मकान, झूलते तारों के बीच अब भी बच्चे खेलते हैं, जैसे वक़्त उन्हें छू नहीं पाया। पिछले महीने एक पुराना मकान गिर गया। तीन लोग दबे, दो को बचाया गया। पर खबर सिर्फ लोकल अख़बार के कोने में छपी। सवाल उठता है — क्या नॉर्थ कोलकाता की ये विरासत, सिर्फ यादों में ज़िंदा रहेगी? या सिस्टम कभी देखेगा इन गलियों की हकीकत? जहाँ कुछ लोग अब भी निगम से पूछते हैं — "मकान को खतरनाक कह देने से क्या जिम्मेदारी खत्म हो जाती है?" उत्तर कोलकाता की गलियाँ सिर्फ रास्ते नहीं, ये हमारी विरासत हैं। इन्हें बचाना सिर्फ इमारतों को बच...
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